भीलवाड़ा, राजस्थान – राजस्थान के भीलवाड़ा से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर प्रसारित रिपोर्ट्स के अनुसार, एक नवजात शिशु जंगल के इलाके से मिला, जिसका मुँह पत्थरों से भरा हुआ था और होठों को FeviKwik से चिपका दिया गया था ताकि उसकी चीख-पुकार दब जाए। मासूम के शरीर पर जलने के निशान भी पाए गए।
कैसे मिला मासूम?
स्थानीय लोगों ने जब रोने की धीमी आवाज सुनी तो उन्हें शक हुआ। पास जाकर देखा तो पत्थरों के नीचे दबा हुआ एक नवजात शिशु पड़ा था। उसके मुँह में छोटे-छोटे पत्थर भरे गए थे और होंठ किसी चिपकने वाले केमिकल से चिपकाए हुए थे। लोगों ने तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी।
अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक
बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसके मुँह से पत्थर निकाले और FeviKwik से चिपकी त्वचा का उपचार किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के पैर और शरीर पर जलने के निशान भी हैं। फिलहाल बच्चा जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।
जांच और शक
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह स्पष्ट नहीं है कि इस क्रूरता के पीछे कौन है – माँ, परिवार या कोई और। भास्कर इंग्लिश और पत्रिका की रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बच्चा जंगल में दबा हुआ मिला, जबकि News18 Rajasthan और सोशल मीडिया पोस्ट्स में घटना को "निर्दयता की हद" बताया जा रहा है।
समाज पर सवाल
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की सोच पर भी गहरा प्रश्न है। क्या गरीबी, सामाजिक दबाव या मानसिक असंतुलन इंसान को इतना निर्दयी बना देता है कि वह अपने ही खून को इस तरह मौत के हवाले कर दे?
सोशल मीडिया पर लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। कोई इसे "ममता की हत्या" कह रहा है तो कोई "इंसानियत की हार"। हर कोई यही सवाल पूछ रहा है – किस कसूर का बदला इस मासूम से लिया गया?
👉 यह लेख वर्तमान में उपलब्ध न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। पुलिस की आधिकारिक पुष्टि और पूरी सच्चाई सामने आने के बाद ही घटना के सभी पहलू स्पष्ट हो पाएंगे।
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